घिरे घटाएं चाहे घनघोर चलते चलें खुशियों की ओर। घिरे घटाएं चाहे घनघोर चलते चलें खुशियों की ओर।
हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो ! हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो !
कोई तो छीनता है मेरा सुकून कौन है जो संभावनाएं बांट ले! कोई तो छीनता है मेरा सुकून कौन है जो संभावनाएं बांट ले!
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
बदलाव जरूरी है... बदलाव जरूरी है...
सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़मीन की ख़ातिर ह सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़म...